DIFFERENCE BETWEEN GENERIC MEDICINE AND BRANDED MEDICINE
नमस्ते दोस्तों, वेलकम बैक टू "Viral VISTA"! मैं श्रेयांश रावल आपका स्वागत करता हूँ इस नए वीडियो में। आज हम बात करेंगे जेनेरिक दवाओं और मानक दवाओं के बारे में, ताकि आप जान सकें कि इनमें क्या अंतर होता है और आपके स्वास्थ्य पर कैसा असर पड़ता है।
सबसे पहले, चलिए देखते हैं जेनेरिक दवाएँ क्या होती हैं। जेनेरिक दवाएँ उन दवाओं की होती हैं जिनका वैशिष्ट्यक नामकरण नहीं होता है, यानी उनका जनरिक नाम होता है जो उनकी जनकृत दवा के आधार पर आता है। ये दवाएँ उसी समय बाजार में आती हैं जब मूल दवा का पेटेंट समाप्त हो जाता है। इनकी मुख्य बात यह है कि वे मानक दवाओं के समान गुणवत्ता और प्रभावक्षमता रखती हैं, लेकिन उनकी कीमत कम होती है।
आब हम चर्चा करेंगे मानक दवाओं के बारे में। मानक दवाएँ वे होती हैं जिनका पेटेंट एक निर्माता को दिया जाता है जो नयी दवा का अद्यतन करता है और इसका नामकरण करता है। ये दवाएँ अक्सर अधिक महंगी होती हैं क्योंकि इन्हें विशेष शोध और विकास के साथ बनाया जाता है।
अब सवाल यह उठता है, क्या आपको किसे चुनना चाहिए - जेनेरिक दवाएँ या मानक दवाएँ? आपकी आवश्यकताओं और विचारों के आधार पर यह निर्णय लेना चाहिए। कई बार, जेनेरिक दवाएँ बहुत ही उपयुक्त और करगर साबित हो सकती हैं, वहीं कुछ मामलों में मानक दवाएँ आवश्यक होती हैं।
इस वीडियो के माध्यम से, हमने सीखा कि जेनेरिक दवाएँ और मानक दवाएँ के बीच मुख्य अंतर क्या है। आपके स्वास्थ्य पर ये कैसा असर डालते हैं, यह आपकी आवश्यकताओं पर निर्भर करता है।
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